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Stree Aur Prem | स्त्री और प्रेम

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₹180.00
₹200.00
Ex Tax: ₹180.00
  • Brand: Pravasi Prem Publishing India
  • Language: Hindi
  • Weight: 400.00g
  • Dimensions: 188.00mm x 240.00mm x 7.00mm
  • Page Count: 76
  • ISBN: 978-81-972367-7-8

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“विचार करने का एक क्षण ! व्यक्त करने को अंजुरीभर शब्द !! और पढ़ने को एक गहरी सांस !!!”

इस संकलन की क्षणिकाएं , एक क्षण  की अनुभूति को व्यापक प्रभाव के साथ लयबद्ध करती हैं । लेखिका ने  अपने जीवन-सत्यों की अनुभूति को लघुकाय क्षणिका में उतारा है। सबसे बड़ी बात एक स्त्री के लिए प्रेम के विविध स्वरूप को व्यक्त करते समय इनमें कविता की झलक और  चमक कम नहीं होती है । नीलिमा जी की क्षणिकाओं में स्त्री स्वभाव, प्रेम, वेदना,आशा, आदि सहज ढंग से ऐसे लिखा है कि पाठक इनसे स्वयं का तारतम्य मानसिक रूप से स्थापित करने को मजबूर हो जाता है । धरती पर प्रेम और अपनत्व का सूत्र है स्त्री और उसकी अलग-अलग रिश्तों में प्रेम की अभिलाषाएं जब शब्दों के माध्यम से गढ़ी जाती हैं तब ही इतनी गहरी कविताएं  बन पाती हैं ।

डॉ . नीलिमा  पाण्डेय   (एम ए –हिन्दी , एम ए – मराठी , बी एड ) मुंबई जैसे महानगर में हिन्दी और हिन्दी प्रदेशों के लोक को जीवंत रखने के लिए चर्चित हैं । वे नीलांबरी फाउंडेशन , कुबेर इन्टरप्राईजेज  जैसी संस्थाओं की प्रमुख हैं । वे कवि-ह्रदया हैं और  गजल, मुक्तक , दोहा, हाइकु जैसी विधाओं में सिद्ध हस्त हैं । धर्मयुग, साप्ताहिक हिंदुस्तान , हंस, पाखी जैसी  प्रतिष्ठित पत्रिकाओं के लिए नियमित लिखती रही हैं । काव्यसंग्रह "संवाद ख़त्म नहीं होते"-1995 प्रकाशित कृति बहुचर्चित रही,  फिर लंबे अंतराल के बाद "धनक नीलिमा" काव्यसंग्रह 2024  में प्रकाशित तथा बहुचर्चित काव्यसंग्रह है जिस पर कई प्राध्यापकों, शिक्षकों,कवि-कवयित्रियों द्वारा व्याख्यान तथा समीक्षाएं प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित । नीलांबरी के दोहे, नीलम हाइकु, वैदेही की पीड़ा, द्वितीया,बरनी अचार की आदि आपकी  चर्चित कृतियाँ हैं । "टूटा है अब मौन " प्रेम गीतों का संग्रह प्रकाशनाधीन है । राष्ट्रीय साहित्य सेवा संस्था, पुणे , अनुबंध सम्मान , अनुभूति सम्मान , प्रतीक्षा मेमोरियल  ट्रस्ट सम्मान , आई पी सी अंतर्राष्ट्रीय  संस्था , अखिल भारतीय साहित्य परिषद, मुंबई  जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं से लगभग 250 पुरस्कारों से सम्मानित नीलिमा जी बहुत से अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपनी रचनाएं प्रस्तुत करती रही हैं ।

स्त्री और प्रेम , डॉ. नीलिमा पाण्डेय , पृष्ठ 76,  रु  200.00 , 978-81-972367-7-8