











- Brand: Pravasi Prem Publishing India
- Language: Hindi
- Weight: 400.00g
- Dimensions: 188.00mm x 240.00mm x 7.00mm
- Page Count: 96
- ISBN: 978-81-972367-9-2
भारत में स्मार्ट सिटी की चर्चा है लेकिन बड़ी धन राशि व्यय करने के बाद भी शहर दमक नहीं पा रहे हैं । कारण– जिस गति से शहरों में सुविधाएं जुटाई जाती हैं उससे दुगनी गति से गांवों से पलायन हो कर लोग शहरो में आ रहे हैं । आखिर गांव भी स्मार्ट क्यों न हों, ताकि वहां भी वे सभी सुविधाएं उपलब्ध हों जिसकी तलाश में पलायन होता हैं । गांवो में पर्याप्त उर्जा के लिए सोलर और गोबर गैस जैसे संसाधनों का प्रयोग क्यों न बढ़े ? पारंपरिक खेती के साथ जलधाराओं पर एक्वा कल्चर जैसे प्रयेाग हों तो किस तरह नया भारत उभर कर आ सकता है । इस बाल उपन्यास में एक ऐसे ही सपनों के गांव और उसके साकार करने के प्रयास की कहानी को गूंथा गया हैं ।
सुश्री सुधा भार्गव (जन्म–अनूपशहर, जिला बुलंदशहर) बी–ए–बी टी, रेकी हीलर हैं और बिरला हाई स्कूल, कलकत्ता में 22 वर्षों तक हिन्दी पढ़ाते हुए बाल मन को गहरे से समझती रहीं हैं, वैसे तो सुधा जी ने सभी विधाओं में लिखा लेकिन उनका बाल साहित्य खासा लोकप्रिय रहा मिश्री मौसी का मटका, ककड़िया का भालू और जब मैं छोटी थी– पुस्तकें नेशनल बुक ट्रस्ट से प्रकाशित हैं और इनके कई संस्करण और भाषाओं में अनुवाद हो चुका है । इसके अलावा रोशनी के पंख, बुलबुल की नगरी, उड़क्कू की उड़ान (प्रकाशन विभाग,सूचना तथा प्रसारण मंत्रालय) धूप की खिड़कियां, कल जब कथा कहेंगे आदि बाल विज्ञान संबंधित उपन्यास व कहानी संग्रह चर्चित हैं ।
सुश्री सुधा भार्गव को डॉ– कमला रत्नम सम्मान, राष्ट्र निर्माता पुरस्कार (प– बंगाल–1996) मिल चुका है । सुधा जी के लघुकथा लेखन को नियमित रूप से उनके ब्लॉग पर पढ़ा जा सकता है,
जिसका लिंक है: https://sudhashilp.blogspot.com
बच्चों से संबंधित ब्लॉग की लिंक हैं: https://balkunj.blogspot.com | https://baalshilp.blogspot.com
ईमेल: subharga@gmail-com
नए भारत का नया सवेरा | सुधा भार्गव | पृष्ठ: 96 | मूल्य: ₹ 245.00 (पेपरबैक) | ISBN: 978-81-972367-9-2
Naye Bharat Ka Naya Savera | Sudha Bhaargav | Pages: 96 | Price: ₹ 245.00 (Paperback) | ISBN: 978-81-972367-9-2