











- Brand: Pravasi Prem Publishing India
- Language: Hindi
- Weight: 400.00g
- Dimensions: 188.00mm x 240.00mm x 7.00mm
- Page Count: 72
- ISBN: 978-8197238730
सूचनाओं के आवागमन की सहजता और गति, जीवन में तकनीक के बढ़ते दखल और शुरुआती उम्र में ही भविष्य के प्रति चिंतित होते बच्चे आज जो पढ़ना चाहते हैं उसमें ऐसी कल्पनाओं को प्राथमिकता देते हैं जिसमें आने वाले दिनों में होने वाले बदलाव की झलक हो। जब दुनिया में बगैर चालक के संचालित कार, अस्पताल में ऑपरेशन में मदद करने वाले मशीनी दिमाग व कौशल वाले यंत्रों और होटल्स में काम करने वाले मशीनी मानवों की बात साकार हो गई हैं तो किशोरावस्था की तरफ बढ़ता बच्चा ऐसी मशीनों के बारे में सोचता है , जो उनके हर दिन के जीवन में सहयोगी हों। क्या ऐसे रोबोट लेखन कर सकते हैं ? नए तरीके से मूर्तियाँ गढ़ सकते हैं ? ऐसी ही कौतूहलभरी कल्पनाओं से सराबोर हैं सुधा भार्गव द्वारा लिखी गई इस संकलन की कहानियाँ । वे कहती हैं “पहले सोचा करती थी कि मनुष्य एक बार ही जन्म लेता है पर बच्चों की आँखों से इस दुनिया को देखते हुए जब से लिखना शुरू किया, लगता है मेरा नया जन्म हुआ। इस उम्र में भी मैं अपने को एक बच्चा समझने लगी हूँ जिसके सामने हमेशा आशा,कल्पना और उमंग भरे दीप झिलमिलाते रहते हैं और जो कभी बुझने का नाम नहीं लेते। ।"
सुश्री सुधा भार्गव (जन्म_-अनुपशहर ,जिला बुलंदशहर) बी. ए.बी टी, रेकी हीलर हैं और बिरला हाई स्कूल, कलकत्ता में 22 वर्षों तक हिन्दी पढ़ाते हुए बाल मन को गहरे से समझती रहीं । वैसे तो सुधा जी ने सभी विधाओं में लिखा लेकिन उनका बाल साहित्य खासा लोकप्रिय रहा है। मिश्री मौसी का मटका, ककड़िया का भालू और जब मैं छोटी थी – पुस्तकें नेशनल बुक ट्रस्ट से प्रकाशित हैं और इनके कई संस्करण और भाषाओं में अनुवाद हो चुका है । इसके अलावा रोशनी के पंख, बुलबुल की नगरी ,अंगूठा चूस, अहंकारी राजा आदि अन्य चर्चित पुस्तकें हैं । आपको डा .कमला रत्नम सम्मान, राष्ट्र निर्माता पुरस्कार (प. बंगाल -1996 ) मिल चुका है । सुद्धा जी के लेखन को नियमित रूप से उनके ब्लॉग पर पढ़ा जा सकता है । जिसका लिंक है - http: sudhashilp.blogspot.com। बच्चों से संबंधित बालकुंज की लिंक है -
- http://baalkunj.blogspot.in/
- संपर्क - subharga@gmail.com
- लेखक : सुश्री सुधा भार्गव
- पृष्ठः72, मूल्यः 290,
- ISBN : 978-8197238730
- भाषा - हिंदी