











- Brand: Pravasi Prem Publishing India
- Language: Hindi
- Weight: 400.00g
- Dimensions: 188.00mm x 240.00mm x 7.00mm
- Page Count: 294
- ISBN: 978-8197051142
मध्य प्रदेश के एक आंचलिक कस्बे में रह कर केवल स्वतंत्र पत्रकारिता के माध्यम से बीते चार दशकों से देश को जागरूक करने वाले पत्रकार प्रमोद भार्गव की कहानियाँ , उनके संपादकीय लेखों की तरह ही जनसरोकार के मुद्दों को वैज्ञानिक और तार्किक नजरिए से प्रस्तुत करती हैं । इन कहानियों की खासियत है इनकी सहज कथानक शैली, परिवेश के निर्माण में स्थानीय शब्दों का चयन और किसी चरित्र के माध्यम से एक समसामयिक समस्या को उभारना और उसका हल समाज में ही तलाशना ।
श्री भार्गव के इस संकलन में कुल 20 कहानियाँ जिनमें दो कहानियाँ विशुद्ध विज्ञान गल्प हैं , लेकिन शेष कहानियों में उनका चम्बल-बुंदेलखंड क्षेत्र है और साथ है वहाँ की स्त्रियों की व्यथा , आदिवासियों के शहरी होने का दर्द , गांवों में व्याप्त पुश्तैनी दुश्मनी की त्रासदी और राजनीति के रंग । पाठक इन्हें किसी सच्ची रिपोर्ट की तरह शुरू करेगा तो आगे चल कर उसमें एक बेहतरीन कहानी के सभी तत्व शामिल होते चले जाएंगे । लिव इन हो या विधवा विवाह या फिर संबंध विच्छेद के बाद फिर एक होना – परिवार की कहानियों में कौतूहल और मानव मन की जीत इन कहानियों का सशक्त पक्ष हैं ।
प्रमोद भार्गव की चुनिंदा कहानियाँ , प्रमोद भार्गव , पृष्ठ 294 , रु . 535.00