











- Brand: Pravasi Prem Publishing India
- Language: Hindi
- Weight: 400.00g
- Dimensions: 188.00mm x 240.00mm x 7.00mm
- Page Count: 152
- ISBN: 978-81-970511-7-3
जन-मन के गाँधी : : लेखक – सुरेश चन्द्र शुक्ल “शरद आलोक”
पुस्तक के बारे में - मन के गांधी काव्य संग्रह के लिखने का उद्देश्य पाठकों में जागरूकता लाना है और सच से साक्षात्कार कराना है। मैंने भारतवासियों का अपनी मातृभूमि का जो दुख दर्द देखा, अनुभव किया उसे कलम से ईमानदारी से लिखा। मैं अपनी मातृभूमि का कर्ज चुका नहीं सकता पर लेखकीय जिम्मेदारी निभा सकता हूँ। भारत में शत प्रतिशत साक्षरता लाई जा सकती है। देश में भुखमरी और आत्म हत्याएं रोकी जा सकती हैं जो अन्याय, गरीबी और कर्ज के चलते हो रही हैं। राजनीति में धर्म का स्थान नहीं है वह निजी है।
लेखक के बारे में - भारत से कोई सात हजार किलोमीटर दूर दुनिया के दूसरे कोने, नार्वे की राजधानी ओस्लो में रह कर हिंदी की सतत सेवा कर रहे शरद आलोक यानी डॉ. सुरेश चंद्र शुक्ला वास्तविकता में उस देश की ही तरह हैं। नार्वे को 'लैंड ऑफ द मिडनाइट सन' भी कहा जाता है क्योंकि यहां रात 12 बजकर 43 मिनट पर सूरज छिपता है और महज 40 मिनट बाद दोबारा उग आता है। ठीक उसी तरह शरद आलोक जी ने हिंदी और भारत के सूर्य वहां कभी डूबने नहीं दिया। 10 फरवरी 1954, को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में जन्में शरद आलोक उपन्यास, कहानी, नाटक, कविता आदि लिखते हैं।
शरद आलोक का रचना संसार
कविता: वेदना, रजनी, नंगे पांवों का सुख, दीप जो बुझते नहीं, संभावनाओं की तलाश, नीड़ में फंसे पंख, गंगा से ग्लोमा तक, फ्रेममेदे फ्यूगलेर (नार्वेजीय में), मेल्लुम लिनयेने (नार्वेजीय में), सड़क पर देवदूत, प्रवासी के अंतद्वंद्व, लॉकडाऊन, मिट्टी के देवता। उपन्यासः गंगा को वापसी।
कहानी संग्रह: तारूफी खत, अर्धरात्रि का सूरज, सरहदों के पार। नाटकः जागते रहो, अंतर्मन के रास्ते, अन्ततः, वापसी, डेथ ट्रेप, आधी रात का सूरज। अनुवाद: नार्वे की लोककथायें, एच सी अन्दर्ससन (डेनमार्क) की कथायें, गुड़िया का घर (हेनरिक इवसेन कृत नार्वेजीय नाटक), मुर्गाबी, समुद्ध की औरत, भूख (क्नुत हामसुन कृत): 'भूख' उपन्यास का हिंदी में मूल भाषा से अनुवाद किया। संपादन: (संकलन) प्रतिनिधि प्रवासी कहानियां, नार्वे की उर्दू कहानियाँ, संपादन
पत्र-पत्रिकायें: श्रमांचल, परिचय, वैश्विका, स्पाइल Speil-दर्पण और www.speil.no सम्प्रतिः पत्रकार आकेर्स आवेस गुरुददालेन (नार्वेजीय भाषा का पत्र), ओस्लो, नार्वे. यूरोप सम्पादक, देशबंधु राष्ट्रीय दैनिक, नयी दिल्ली।
पृष्ठः152, मूल्यः 260, ISBN : 978-81-970511-7-3, भाषा - हिंदी