











- Brand: Pravasi Prem Publishing India
- Language: Hindi
- Weight: 400.00g
- Dimensions: 188.00mm x 240.00mm x 7.00mm
- Page Count: 116
- ISBN: 978-8197236723
'सागर किनारे' संकलन में लेखिका डॉ. शबाना नजीर द्वारा समय-समय पर लिखी गई नजमों, गजलों और गीतों को एकसाथ प्रस्तुत किया गया है। अलग अलग मूह अलग अलग हालात की अकासी करती ये रचनाएं लेखिका की जिंदगी के नजरिए विचार-धारा, भावनाओं और उनकी जिंदगी में आने वाले उतार-चढ़ाव का आईना हैं, एक दास्तान है।
लेखिका के बारे में
डॉ. शबाना नजीर (17) जनवरी 1954) 1) को को शब्दों की ताकत, उस और के जाने-माने लेखक और ब्रॉडकास्टर, अपने पिता श्री रिफत सरीश से मिली। वैसे तो उनका जन्म मुंबई में हुआ लेकिन छोटी उम्र में ही उनका परिवार दिल्लो आ गया और यहाँ के साहित्य जगत में रच-बस गया। शबाना जी ने दिली से ही उर्दू और अंग्रेजी में एम. ए. किया, फिर एम. एड. और पी. एचडी की डिग्री हासिल की। इसके अलावा क्वीस यूनिवर्सिटी, कनाडा, आई आई एम, अहमदाबाद और नीपा से सर्टिफिकेट कोर्स किए।
डॉ. शबाना नजीर का कार्यक्षेत्र शिक्षा रहा है। लगभग 41 सात तक दिखी के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में शिक्षक और प्राचार्य के रूप में उनकी खासी प्रतिष्ठा रही है। इस कार्य के लिए उन्हें दिल्ली सरकार के राजकीय सम्मान और 'इंदिरा सम्मान से सम्मानित किया गया। वे दिल्ली उर्दू अकादमी की लगातार तीन बार प्रबंध समिति की सदस्य रहीं। अभी तक मंजरे आम पर पाँच किताब आ चुकी हैं। हिन्दी में उनकी यह पहली पुस्तक है।